Wednesday 1 January 2014

“What would men be without women? Scarce, sir...mighty scarce.”
― Mark Twain

 
जब धरणी नहीं तो ये व्योम किसके लिए ?
जब नारी का वजूद नहीं तो नर किसके लिए ?
निष्ठा में भरोसा नहीं तो प्रेम किसके लिए ?
आशा में किरण नहीं तो वह तिमिर किसके लिए ?
वाणी में स्वर नहीं तो यह वीणा किसके लिए ? 
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ऋतु राय

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